रविवार, 5 जून 2016

मुगुरुजा से हार का जश्न तो सेरेना ने भी मनाया



सीन-1
वो दिन 7 जुलाई 2015 का था। जब एक 21 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी 33 वर्षीय दुनिया की नंबर एक और 20 ग्रैंड स्लैम जीत चुकी खिलाड़ी से विम्बलंडन फाइनल खेलने की तैयारी कर रही थी। उस 19 वर्षीय खिलाड़ी के मन में कहीं भी डर नहीं था। मैच से ठीक पहले जब उससे पूछा गया कि आपको हारने का डर तो नहीं उसने कहा कि किसने सोचा था कि फाइनल 20वीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी टॉप सीड खिलाड़ी से खेलेगी। इसलिए हारने का डर तो नहीं है, मै सिर्फ जीतने आई हूं। 
21 वर्षीय वो खिलाड़ी अनुभव और ताकत के सामने कहीं भी टिक नहीं पाई और उसे फाइनल में 6-4, 6-4 से सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा।
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सीन-2
लगभग एक साल बाद। दिन 4 जून 2016 का। साल के पहला ग्रैंड स्लैम, फ्रेंच ओपन। 21 वर्षीय वो खिलाड़ी अब 22 की है और 33 वर्षीय अब 34 की। दोनों फिर फाइनल में आमने सामने हैं। स्पेन की ये 22 वर्षीय खिलाड़ी गरबाईन मुगुरुजा विश्व की नंबर एक खिलाड़ी सेरेना विलियम्स से इस बार भी जीतने ही आयी है। लड़ाई अपने 22 ग्रैंड स्लैम और पहले ग्रैंड स्लैम के लिए थी। सेरेना 22वां ग्रैंड स्लैम जीतकर स्टेफी ग्राफ की बराबरी करना चाहती थीं तो वहीँ मुगुरुजा 1998 के बाद अपने देश स्पेन की पहली महिला ग्रैंड स्लैम विजेता बनना चाहती थीं।
चौथी सीड मुगुरुजा ने पहली सीड की खिलाड़ी को ठीक वैसे ही हराया जैसे उसे एक साल पहले हार का सामना करना पड़ा था। मुगुरुजा ने सेरेना को सीधे सेटों में 7-5, 6-4 से हराकर 18 साल बाद अपने देश के लिए ग्रैंड स्लैम जीता। मैच की सबसे खास बात ये रही कि सेरेना ने मुगुरुजा की जीत का जश्न भी मनाया, तालियों से उनकी जीत का अभिवादन किया।

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